Tuesday, March 31, 2009

मिक्स ख़बर


आजकल नेताओं को रात में सोते समय भी सपने आने लगे है , हालत ये हो गई है की वे कही भी कुछ बोलने से पहले कई बार अभ्यास करने लगे है। भाई चुनाओं के समय में ही तो चुनाव आयोग के पास कुछ करने की ताक़त होती है वरना बाकी समय तो वो आराम ही करता है। लेकिन आजकल ये नेताओं को पानी पिला रहा है। अब देखिये न बेचारे वरुण गाँधी दूसरों को पानी पिलाने के चक्कर में ख़ुद ही पानी पी गए। चुनाव आयोग ने तो जो किया सो किया लेकिन मायावती ने तो कुछ दिन जेल में रहने की ब्यस्था करवा ही दी। बेचारे ने अतिउत्साह में न जाने क्या कह दिया की अब सारा उत्साह ही खत्म हो गया। उधर सर्वोच्च न्यायलय ने संजय दत्त को चुनाव लड़ने की अनुमति देने से मना कर दिया। अब अमर सिंह का क्या होगा। इससे कम से कम सपा के कार्यकर्ता तो जरुर खुश हुए होंगे। दत्त साहब भी कहा परेशां हो रहे है, सारा काम वही करेंगे तो बाकी लोग क्या करेंगे। इस बार कई अधिकारी भी चुनाव मैदान में है, बेचारों को पॉवर की आदत सी हो गई है, नौकरी के बाद अब नेता बनना चाहते है।

हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर कलाम कहते है की युवाओं को राजनीति में आना चाहिए , बिल्कुल सही है लेकिन युवाओं को मौका कौन दे रहा है । सिर्फ़ वही युवा आ पा रहे है जिनके पास विरासत है।लोकसभा चुनाओं के लिए २५ लाख रुपया से ज्यादा नही खर्च किया जा सकता है , ऐसा चुनाव आयोग का आदेश है, हवाई जहाज और हेलीकाप्टर के खर्च को अलग रखा गया है। खर्च कितना हो रहा है ये सभी देख रहे है। आजकल तो टिकट पाने के लिए पैसा लगता है । अरे भाई अब नेता वही बनता है जिसके पास धन हो, ताक़त हो। सुना है की उत्तर प्रदेश के चर्चित माफिया को कोर्ट ने नामांकन के लिए जेल से बाहर जाने की अनुमति नही दी है, कम से कम कोर्ट तो अच्छे से अपना काम कर रहा है, चलो कुछ तो ठीकठाक हो रहा है। उधर यू पी ऐ में प्रधानमंत्री बनने को लेकर घमासान मचा हुआ है , अब कौन बताये की भइया पी.एम् तो एक ही बनेगा। ज्यादा जरुरी हो तो एक-एक साल के लिए बन जाओ, और कुछ नही तो अपनी हसरत पूरी कर लो ,बाकी तो भगवान् भरोसे ही है। उधर मायावती भी दिल्ली जाने को बेकरार है, अरे भाई दिल्ली में भी तो अपनी मूर्तियाँ लगवानी है, स्टेडियम को तोड़कर पार्क बनाना कोई इनसे सीखे, खेल-खिलाड़ी चूल्हे में जाए , पार्क ज्यादा जरुरी है ,आख़िर सार्वजनिक धन का इससे बेहतर उपयोग क्या हो सकता है। सुना है की राजस्थान में गहलोत जी को गुस्सा आ गया है, कह रहे है की लड़का-लड़की हाथ में हाथ डालकर घूमे तो कार्यवाही होगी, सबसे बड़ा अपराध तो यही है न। आई पी अल भी साउथ अफ्रीका भाग गया , बेचारों को जल्दी थी, अरे भाई बड़े लोगों का तमाशा है, यहाँ नही तो कही और सही, जानते थे की अप्रैल में चुनाव होंगे तो थोड़ा आगे-पीछे कर लेते, अब चुनाव की डेट तो बदली नही जायेगी, कौन समझाये इन लोगों को।

आज के लिए इतना बहुत है, गर्मियों का मौसम है , हाजमा ख़राब हो सकता है। जय हो,

1 comment:

Adhinath said...

are chunav aayog ki to baat hi nasrali hai varna ye neet log aaj sone ki pool banane ki baat jo jitne ke baad ke liye chhod rahe hain wo aaj hi bana chuke hote..............
rahi baat ipl ki to we log to khel ko hay hay aur desh ko bay bay kah hi chuke hai.............