Tuesday, April 15, 2008
बेतुका बयान
जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए लोग कितने जिम्मेदार है ,एक बार फ़िर ये केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कमलनाथ के उस बयान से साबित हो गया है जिसमे महंगाई के लिए गरीबो को दोषी माना गया है। इनका मानना है की गरीब आजकल ज्यादा खाने लगे है इसलिए महंगाई बढ़ी है । ये तो वही बात हुई की उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। सरकार गरीबो के लिए कुछ करेगी भी नही और यदि वो किसी तरह दो वक्त की रोटी जुटाले तो वो भी आपको गवारा नही। माननीय मंत्री जी कॉलेज मे आपको भी पढाया गया होगा की महंगाई बढ़ने के क्या-क्या कारण होते है । बेहतर होगा की इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयान न दे और इस समस्या के समाधान के लिए कुछ ठोस प्रयत्न करे ताकि इस संकट से मुक्ति मिल सके।
सरकारी धन की बर्बादी
एक बार फ़िर उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने सारी परम्पराओं को दरकिनार करते हुए अपनी ही मूर्ति का अनावरण कर डाला। और ये काम वो अपने पिछले कार्यकाल मे भी कर चुकी है जिस पर उस वक्त काफ़ी शोर-शराबा हुआ था। अब इससे दलितों का कितना भला होगा ये तो दलित भी समझ रहे है और मायावती भी। बात ये है की आख़िर सरकारी धन का ऐसा दुरूपयोग क्यों किया जा रहा है। क्या इस राज्य की सारी समस्याएँ खत्म हो गई है जो मायावती सिर्फ़ पार्को और मूर्तियों के ऊपर ध्यान दे रही है। जबकि वास्तव मे ऐसा नही है। हजारो करोड रुपया बरबाद हो रहा है, क्या उन्हें बुंदेलखंड या बेरोजगारी और अन्य समस्याएँ नही पता है। दरअसल जब तक इन पदों पर बैठे लोगो की जिम्मेदारी तय नही की जायेगी तब तक ये लोग ऐसे ही सरकारी धन को लूटते रहेंगे .
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