Monday, March 30, 2009

वोट फॉर चेंज.................



एक बार फिर लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव यानी आम संसदीय चुनाव का समय आ गया है। पूरे देश में चुनाव प्रचार जोरो पर है । सभी राजनितिक दल बड़े-बड़े दावे करके जनता को एक बार फिर से ठगने के लिए मैदान में आ गए है। यानी जनता दर्शक की भूमिका में है और वो चुपचाप तमाशे का आनंद ले रही है। लेकिन इस बार के चुनाओं में कोई हलचल नही दिखाई दे रही है ,जाहिर है पार्टियों के पास कहने को नया कुछ है भी तो नही। ऐसा नही है की भारत में मुद्दे नही है बल्कि पार्टियाँ उनको मुद्दा बनाना नही चाहती है। और मतदाताओं में इतना साहस नही है की वो पार्टियों को मजबूर कर सके की वे जनता की बात सुन सके। जनता तो मतदान के दिन ढाई बाय ढाई के केबिन में अपना निर्णय देगी। मुझे लगता है की जनता के पास भी ज्यादा आप्शन नही है , अंधे और लंगडे में से उसे किसी न किसी को चुनना हे है जैसे नागनाथ वैसे सांपनाथ। .एक बात जो हमेशा से मुझे ब्यथित करती रही है की लोग मतदान के दिन अपना मत नही डालते है और फिर पॉँच साल तक सरकार को गाली देते रहते है।मतदान के दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग वोट न देकर पिकनिक मनाते है। भाई गाली देने से तो कुछ नही होने वाला है, इससे बेहतर तो होगा की हम सब मिलकर अपना मत डाले और सही प्रतिनिधियों को चुने। आजकल के नौजवानों को सरकार और ब्यवस्था से सबसे ज्यादा शिकायत रहती है लेकिन युवा खासकर पढ़ा-लिखा युवा मत डालना ही नही चाहता है। भाई मै तो अपने मत का प्रयोग करूँगा क्योंकि ये मेरा अधिकार है और आप सबसे यही कहूँगा की ................. अब बहुत हो चुकी ये चुप्पी , बहुत हो गया अपमान , घर से निकलो वोट तो डालो, तभी तो बदलेगा हिंदुस्तान, तभी बनेगा राष्ट्र महान। जय हो लोकतंत्र की ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

1 comment:

Adhinath said...

bilkool apna kam khud karne ki aadat dale janta aakhir kamse kam vote to khud karna hi chahiye,
achha hai aalok bahai.......